वृद्धाश्रम की कहानी है नाटक ‘दधीचि’, निर्देशक वेद ने कहा-जीवन के अनछुए पहलुओं को उठाने की कोशिश, जरूर देखें नाटक

बिलासपुर। आदर्श कला मंदिर द्वारा के बहुप्रतीक्षित नाटक ‘दधीचि’ खेला जाएगा। 22 दिसम्बर को शहर के देवकीनंदन सभाकक्ष में दधीचि का संचालन होगा। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध रंगकर्मी व नाटक के निर्देशक भरत वेद ने बताया कि रंगमंच की संस्था आदर्श कला मंदिर बिलासपुर 1976 से लगातार बिलासपुर शहर में रंगकर्म विधा की जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करती आयी है। सामाजिक विकृतियों और ज्वलंत सामाजिक मुद्दों को प्रभावशील ढंग से प्रस्तुत करना और एक निष्कर्ष तक ले जाना आदर्श कला मंदिर के सभी सदस्यों का नज़रिया व जज्बे का परिचायक है।
भरत वेद ने बताया, जहां बड़े-बड़े मल्टीप्लेक्स और मनोरंजन को आपकी हथेली तक सुगम बनाती है। कुछ कंपनियों से इतर कुछ हौसले से लबरेज लोग सत्य अभिनय रंगकर्म के माध्यम से आपके रोंगटे खड़े करने और जागते हुए सोये लोगों को जगाने का बीड़ा उठाते हैं।
परिणाम होता है ‘दधीचि’ जैसा प्रभावशील नाटक जो एक वृद्धाश्रम बसेरा में रह रहे। विभिन्न धर्म, मिज़ाज़ के बुजुर्गों के माध्यम से जीने का हौसला देती है। सत्य धर्म की सीख देती है और देशप्रेम का मर्म समझाती है। समाज की कड़वी सच्चाई को रेखांकित करती है। इस आभासी युग में सत्य अभिनय का थोड़ा हौसला हमने दिखाया है। टीम के सभी सदस्यों ने शहरवासियों व कलाप्रेमियों से इस नाटक को 22 दिसम्बर को देवकीनंदन सभाकक्ष में शाम 7 बजे पहुंचने का आग्रह किया है ताकि वे नाटक ‘दधीचि’ का लुफ़्त उठा सके।