नई दिल्ली। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ कई मुद्दों पर आरोप लगाने वाले उच्चतम न्यायालय के 4 वरिष्ठ न्यायाधीशों ने मंगलवार को आपस में बैठक की। उनके बीच बैठक ऐसे वक्त हुई जब कुछ घंटे पहले सीजेआई ने शीर्ष कोर्ट में दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कोर्ट के लान्ज में उनसे संवाद स्थापित किया और चाय पर उनसे बातचीत की।
कहा गया है कि न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगाई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने आपस में बैठक की लेकिन फिलहाल यह नहीं पता कि उनके बीच क्या बातचीत हुई। शाम को बैठक इनमें से किसी एक न्यायाधीश के आवास पर हुई। हालांकि बातचीत के निष्कर्ष के बारे में जानकारी नहीं मिली।
सूत्रों ने कहा कि न्यायाधीशों के बुधवार सुबह सीजेआई से मिलने की संभावना है और उनके बीच संभवत: कुछ और बातचीत होनी है क्योंकि शीर्ष कोर्ट के कामकाज को फिर से सामान्य बनाने के लिए प्रयास जारी हैं। 4 न्यायाधीशों के करीबी सूत्रों ने कहा कि फिलहाल, कुछ ठोस बाहर निकलकर नहीं आया है।
शीर्ष कोर्ट में वरिष्ठता क्रम नीचे कुछ न्यायाधीश जल्द से जल्द कुछ मेलमिलाप के पक्ष में हैं क्योंकि उनका मानना है कि न्यायपालिका की प्रतिष्ठा दांव पर है। एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि संकट सुलझाने की जरूरत है क्योंकि कई महत्वपूर्ण जनहित याचिकाएं कल से उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ द्वारा सुनी जाने की संभावना है।
मौजूदा संकट के बीच कई क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं के एक निकाय ने कहा कि उसने सीजेआई के खिलाफ उच्चतम न्यायालय के 5 सर्वाधिक वरिष्ठ न्यायाधीशों को शिकायत सौंपी है। यह शिकायत मेडिकल कॉलेज रिश्वतखोरी मामले में कथित कदाचार को लेकर सौंपी गई है।
कैंपेन फॉर ज्यूडिशियल एकाउन्टेबिलिटी एंड रिफॉर्म्स (सीजेएआर) के संयोजक अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने संवाददाता सम्मेलन किया और मामले में दायर अपनी जनहित याचिका में लगाए गए सभी आरोपों को दोहराया, जिसे उच्चतम न्यायालय ने 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाकर खारिज कर दिया था। वह याचिका गत वर्ष एक दिसंबर को खारिज कर दी गई थी।