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सरोज ने पूछा .. चार छोटे बच्चों को कैसे पालूं साहब….

बिलासपुर। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली सरोज को शासन की योजनाओं का कोई लाभ नही, गरीबी आवास की पात्रता होने के बावजूद वंचित है और मजदूरी,मेहनत के बल पर 4 छोटे छोटे बच्चों का भरण पोषण भला कैसे होगा कलेक्टर साहब। कलेक्टर जनदर्शन में सारी बाते आवेदन के रूप में तखतपुर तहसील के ग्राम अमेरी निवासी सरोज ध्रुव नेताम पति बिसाहू ध्रुव नेताम ने कही जहाँ उसे कागज़ो का हवाला देकर चलता कर दिया गया। जाते जाते आंखों में आशाओं की खुशी के स्थान में आँसू की मार्मिक बूंदों ने शासन की गरीबी उत्थान के नीतियों को उजागर कर दिया। जिला मुख्यालय से कुछ किलोमीटर की दूरी पर रहने वाली महिला जिसके 4 छोटे छोटे बच्चों  के भरण पोषण की जिम्मेदारी है जिसे गुजर बसर के लिए रोजाना मेहनत मजदूरी कर पेट पालना होता है और जो गरीबी की चादर से अपना और परिवार का तन ढकने में समार्थहीन है जिसे केंद्र एवं राज्य शासन की गरीबी उत्थान जैसी योजना का लाभ इस लिए नही मिल रहा है क्योंकि उसके पास जरूरी कागजात नही है। अल्प शिक्षा और जानकारी अभाव के साथ साथ पारिवारिक जिम्मेदारियों ने सरोज को समाज मे कदम से कदम मिलाने का मौका ही नही दिया और जब जानकारी मिली तो आवश्यक दस्तावेजों ने सपनो को चकनाचूर कर दिया यही नही अधिकार पाने जब शासन के आला अधिकारियों से गुहार लगाई तो उल्टा सरोज की मदद करने की बजाय शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगाने मजबूर किया जा रहा है। 
भोजन व्यवस्था के लिए राशन कार्ड नही है तथा रहने के लिए झोपड़ी ही सहारा है ऐसे में शासन की योजनाओं का क्या फायदा जिसका लाभ जरूरतमंदों को न मिले। आज के जनदर्शन में सरोज जब पहुंची तो आवेदन को वापस कर राशन कार्ड और आवास के लिए फार्म भरकर जमा करना , पटवारी का हस्ताक्षर, सरपंच सचिव की अनुशंसा पत्र, जनपद सीईओ की अनुशंसा,परिवार के सदस्यों का आधार कार्ड,बैंक खाता एवं 2011 की सर्वे सूंची में नाम के होने का हवाला देकर जाने को कह दिया। जाते जाते सरोज के  4 बच्चों को देख किसी भी आत्मा दुखी हो जाती।
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