
रविवार को मकर संक्रांति के मौके पर बीस लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गंगासागर में डुबकी लगायी. भारत के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालुओं के साथ ही पड़ोसी देशों नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के श्रद्धालुओं ने भी मकर सक्रांति के मौके पर गंगा और बंगाल की खाड़ी के संगम स्थल पर स्नान किया. सागरद्वीप के नाम से मशहूर गंगा सागर के पवित्र जल में स्नान करने के लिए श्रद्धालु यहां तड़के से ही जुटने लगे थे. बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं को यहां जगह की कमी का भी सामना करना पड़ा.
हर साल की 14 जनवरी को यहां स्नान करने आते हैं लोग
मकर संक्रांति के मौके पर यहां हर साल बड़ी संख्या में लोग गंगा और बंगाल की खाड़ी के संगम स्थल पर स्नान करने आते हैं. इसके साथ ही श्रद्धालू कपिल मुनि मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं. मकर संक्रांति के मौके पर यहां आए पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की गंगा सागर मेला को कुंभ मेला की तरह देखे जाने की मांग का स्वागत किया है. सरस्वती ने कहा, “ मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की गंगा सागर मेले को कुंभ मेले की तरह देखे जाने की मांग का स्वागत करता हूं और उनका शुक्रिया अदा करता हूं.” ममता ने हाल ही में कहा था कि गंगा सागर मेले का आयोजन सालों से हो रहा है और प्रत्येक साल यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं इसलिए इसे कुंभ मेले के बराबर दर्जा मिलना चाहिए.—-source-google