बिलासपुर/छत्तीसगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में सबसे ज्यादा कार्य हो रहे हैं। स्कूल, शिक्षा के साथ-साथ उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा में छत्तीसगढ़ की विशिष्ट पहचान बनी है। सभी बड़े शिक्षा संस्थान छत्तीसगढ़ में स्थापित हुए हैं। शिक्षा की गुणवत्ता को ज्यादा से ज्यादा बेहतर बनाएं, इसके लिए प्रयास हो रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में राज्य के बजट का सर्वाधिक हिस्सा उपयोग किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने आज कोनी में सरस्वती शिक्षा संस्थान छत्तीसगढ़ द्वारा बनाये जा रहे महाविद्यालय एवं खेल छात्रावास भवन निर्माण का भूमिपूजन करते हुए उक्त बातें कही।
कोनी स्थित सरस्वती शिशु मंदिर स्थित प्रांगण में 3.50 करोड़ की लागत से बनने वाले उक्त भवन की आधारशिला मुख्यमंत्री द्वारा रखी गई। इस अवसर पर नगरीय प्रशासन, उद्योग एवं वाणिज्यिक कर मंत्री अमर अग्रवाल, विधानसभा उपाध्यक्ष बद्रीधर दीवान, सांसद लखनलाल साहू, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती हर्षिता पाण्डेय विशेष रूप से उपस्थित थी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास व अधोसंरचना के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को एक विशिष्ट पहचान बनाने में सफलता मिली है। बस्तर से लेकर सरगुजा तक के रिमोट एरिया में उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षा संस्थान स्थापित है। पूरे छत्तीसगढ़ में शिक्षा को आगे बढ़ाने का कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि विद्या भारती का यह संस्थान बिलासपुर और छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनायेगा और ज्ञान, शिक्षा व संस्कार का एक बड़ा केन्द्र बनेगा।
कार्यक्रम में बिलासपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. गौरीदत्त शर्मा, पं. सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. वंश गोपाल, सरस्वती क्रीड़ा परिषद के अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर, सरस्वती शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष बद्री केशरवानी, गोपाल व्यास, काशीनाथ गोरे सहित संस्थान एवं परिषद के अन्य पदाधिकारी, बिलासपुर विश्वविद्यालय के अधिकारी, गणमान्य नागरिक, सरस्वती शिक्षा संस्थान के प्रधानाचार्य, अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं, छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।