रायपुर / राज्य सरकार द्वारा भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक , मंत्रीपरिषद की बैठक बुलाकर वापस किये जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री व जनता कांग्रेस छत्तीसगढ के संस्थापक अध्यक्ष अजीत जोगी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ये आदिवासी समाज की एकजूटता एवं लगातार किये जा रहे विरोध का परिणाम है । इस संशोधन को डाॅ. रमन सिंह की सरकार विधानसभा में अपने संख्याबल के आधार पर जबरिया पास करवाना इस बात की ओर इंगित करता है कि डाॅ. रमन सिंह की सरकार प्रदेश से आदिवासियों को अपदस्थ करना चाहती है । एक ओर सरकार का कानून बनाकर अपने चहेते उद्योगपतियों को आदिवासियों को जमीन देकर उन्हे बेदखल कर छत्तीसगढ़ से बाहर निकालना चाहती है , वहीं बस्तर में फर्जी नक्सल मुठभेड़ करवाकर अनेक आदिवासियों को मरवा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि संशोधन विधेयक को विधानसभा में संख्याबल के आधार पर पास करने के बाद इस पर सबसे पहले आदिवासी समाज के बीच जनता कांग्रेस छत्तीसगढ ने निर्णायक विरोध कर इसे वापस लेने मजबुर होना पड़ा । भविष्य में भी डाॅ. रमन सिहं सरकार अपने अपदस्थ होने के अतिंम वर्ष भी समाज के खिलाफ किसी भी प्रकार का कानून लायेगी तब भी उनके नेतृत्व में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ इसी तरह निर्णायक लड़ाई लड़ेगी ।